ट्रांसफैट फ्री दीवाली” अभियान की शुरूआत – प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
चंडीगढ़,
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री हुसन लाल व कमिशनर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन श्री कुमार राहुल की तरफ से त्यौहारों के सीज़न को मुख्य रखते हुए “ट्रांसफैट फ्री दीवाली” अभियान की शुरुआत की गई। पीजीआई चंडीगढ़ के कम्यूनिटी मैडीसीन विभाग के स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ की तरफ से तैयार की गई। इस अभियान के मुख्य उदेश्य पॉलिसी मेकर, प्रोडयूसर, सप्लायर और आम लोगों में ट्रांसफैट से स्वास्थ्य पर बुरे प्रभावों के बारे जागरूकता पैदा करना है। बड़े स्तर पर के इस जागरूकता अभियान को स्ट्रैटजिक इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हैल्थ एंड एजूकेशन रिसर्च (साइफर) और गलोबल हैल्थ एडवोकेसी इनकुबेटर (घई) की तरफ से समर्थन दिया जा रहा है।
इस अभियान की शुरूआत के अवसर पर पीजीआई, चंडीगढ़, साइफर और घई की तरफ से किए जा रहे सांझे प्रयासों की सराहना करते हुए श्री हुसन लाल ने कहा कि “ट्रांसफैट फ्री दीवाली” अभियान पंजाब को और स्वास्थ बनाने में मदद करेगा। क्योंकि राज्य में ब्लड प्रैशर, हाइ कोलेस्ट्रोल और ब्लड शूगर के मामले में ज्यादा हैं। इस लिए ट्रांसफैटी एसिड के इस्तेमाल कम करने और स्वास्थ व स्वास्थ्य पर बुरे प्रभावों के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान को प्रयास किए जाने चाहिए।
“ट्रांसफैट फ्री दीवाली” का समर्थन करते हुए श्री कुमार राहुल ने कहा कि सभी को ट्रांसफैट की ज्यादा मात्रा वाले खाने को छोड़ कर अपनी दीवाली को स्वास्थ व सुरक्षित बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दीवाली देश का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार है। यह खुशियों व उत्साह के साथ साथ मठियाइयों, फिरोज़न फूड, तले खाने के रूप में लोगों में ट्रांसफैट की मात्रा को भी बढ़ा देता है। नतीजन ब्लड प्रैशर पर दिल की बिमरायों का ख़तरा बढ़ जाता है।
पीजीआई, चंडीगढ़ के कम्यूनिटी मैडीसीन विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के प्रो. डा. सोनू गोयल ने कहा कि भारत में हर वर्ष ट्रांसफैट के कारण 60000-75000 मौते हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में दिल की बिमारियों और मोटापे की समस्या ज्यादा होने के कारण ख़तरा बढ़ जाता है। क्योंकि ट्रांसफैटी एसिड का इस्तेमाल ज्यादा है। इन खतरनाक आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए उनकी तरफ से प्रशासनिक अधिकारियों और तकनीकि माहिरों के साथ कई बार मशवरा करके इन ट्रांसफैटी एसिड के बुरे प्रभावों के बारे जागरूक करने के लिए अभियान तैयार किया गया। इस अभियान के साथ ही वह उद्योगिक स्तर पर तैयार ट्रांसफैट को स्वास्थ खाने के साथ बदलने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि पीजीआई, चंडीगढ़ की तरफ से विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में स्लोगन राइटिंग और शपथ ग्रहण प्रोग्राम के लिए संपंर्क किया गया है तांकि नौजवानों और आम लोगों में ट्रांसफैट के बुरे प्रभावों के बारे जागरूक किया जा सके। इस अभियान के साथ ही पीजीआई के सोशल मीडीया हैंडलों पर #TransfatfreeDiwali , #TransfatfreePunjab व #HappyDiwaliHealthyDiwali ज़रीए लोगों को जागरूक किया जाएगा। विश्व भर में लोगों के साथ अच्छे ढंग से जुड़ने के लिए सोशल मीडीया पर रोज़ाना नए चैलेंज व मुकाबले भी करवाए जाएंगे।
साइफर व प्रैसीडैंट डा. राकेश गुप्ता ने कहा कि अगर विश्व भर में उद्योगिक स्तर पर तैयार ट्रांसफैट को खाने से हटाया ना गया तो लाखों लोग दिल की बिमारियों के साथ पीड़ित हो सकते हैं या मौत हो सकती है। उन्होंने कहा कि साइफर व घई इस जागरूकता अभियान में पीजीआई चंडीगढ़ को सहयोग देकर मान महसूस कर रहे हैं।
घई के कंट्री कोआर्डीनेटर डा. ओम प्रकाश बेरा ने कहा कि इस अभियान को बड़े स्तर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए पीजीआई, चंडीगढ़ की तरफ से ट्राइसिटी में यह संदेश पहुंचाने के लिए रेडियो मिर्ची की तरफ से सहयोग किया जा रहा है। सबूतों सहित प्रचार समग्री, जिसमें पोस्टर, पंफलेट, ब्रोशर और हैंडबिल आदि शामिल हैं, को 3 भाषाओं हिंदी, पंजाब और अंग्रेजी में तैयार किया जाएगा। इन्हें विभिन्न शिक्षक संस्थों और प्रोफैशनर इंस्टीट्यूट, सरकार व प्राइवेट कार्यालयों आदि में बांटा जाएगा। पोस्टरों और बैनरों आदि को इन संस्थाओं की वैबसाइटस पर भी अपलोड किया जाएगा।